Desh Bhakti Shayari in Hindi: दोस्तों आज हम अपने देश की आजादी का जश्न मना रहे हैं। हमारे बहादुर नायकों की देशभक्ति को याद रखना और उनका सम्मान करना महत्वपूर्ण है जिन्होंने हमारी आजादी के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। आइए इस विशेष दिन पर एक साथ आकर उनके बलिदानों की सराहना करें और हिंदी में देशभक्ति कविताओं, छवियों और शायरी के साथ अपना सम्मान व्यक्त करें। आइए इस अवसर पर उनकी बहादुरी से सीखें और अपने देश की आजादी का जश्न मनाएं।
Desh Bhakti Shayari
मर मिटेंगे हम अपने वतन के लिए जान कुर्बान है प्यारे चमन के लिए हमसे हमारी अब हसरत न पूछो बाँध रखा सर पे तिरंगा कफ़न के लिए !
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नही सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नही !
तिरंगा है आन मेरी तिरंगा ही है शान मेरी तिरंगा रहे सदा ऊँचा हमारा तिरंगे से है धरती महान मेरी !
वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे है मरेंगे वतन के लिए शर्त मौत से लगाये बैठे है !
बलिदानों की ज्वाला जलाए रखना लहराता तिरंगा यूं ही उठाये रखना जान जाए तो जाये कोई गम नहीं देश पर कुर्बानियों का मातम न कर मौत के बाद भी खुद को मुस्कराए रखना !
न पूछो ज़माने को क्या हमारी कहानी है हमारी पहचान तो सिर्फ ये है कि हम सिर्फ हिन्दुस्तानी हैं !
कुछ नशा तिरंगे की आन का है कुछ नशा मातृभूमि की मान का है हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है !
मुझे न तन चाहिए, न धन चाहिए बस अमन से भरा यह वतन चाहिए जब तक जिंदा रहूँ, इस मातृ-भूमि के लिए और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये !
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Army Desh Bhakti Shayari
चीर के बहा दूं लहू दुश्मन के सीने का यही तो मजा है फौजी होकर जीने का !
सरहद तुम्हें पुकारे तुम्हें आना ही होगा कर्ज अपनी मिट्टी का चुकाना ही होगा दे करके कुर्बानी अपने जिस्मो-जां की तुम्हे मिटना भी होगा मिटाना भी होगा !
न झुकने देना कभी इसके मान को न मिटने देना कभी इसकी शान को चाहे कुर्बान करनी पड़े जान को अपने सीने से इसको लगाए रखना ये तिरंगा यूं ही उठाये रखना !
लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा !
सलाम है तिरंगे को जिसमें मेरे देश की शान है ऊंचा रहेगा तिरंगा जब तक मेरे कतरे कतरे में जान है !
बस ये बात हवाओं को बताये रखना रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना लहू देकर जिसकी हिफाज़त की शहीदों ने उस तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना !
ये जोश कभी कम नहीं होगा वीरों के बलिदानों से आया है कितनो ने लहू बहाया है तब जा के तिरंगा पाया है !
जो अब तक ना खौला वो खून नही पानी हैं जो देश के काम ना आये वो बेकार जवानी हैं !
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15 August Desh Bhakti Shayari
जब आँख खुले तो धरती हिंदुस्तान की हो जब आँख बंद हो तो धरती हिंदुस्तान की हो हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन मरते वक्त मिट्टी हिंदुस्तान की हो !
इश्क तो करता है हर कोई महबूब पर मरता है हर कोई कभी वतन को महबूब बना कर देखो तुझ पर मरेगा हर कोई !
खूब बहती है अमन की गंगा बहने दो मत फैलाओ देश में दंगा रहने दो लाल हरे रंग में ना बांटों हमको मेरे छत पर एक तिरंगा रहने दो !
चाहे जान की बाजी लगा देंगे हम दुश्मनों को वतन से मिटा देंगे हम है कसम इस तिरंगे की वतन के लिए ये तिरंगा उनके सीने पर लहरा देंगे हम !
गूँज रहा है दुनिया में भारत का नगारा चमक रहा आसमान में देश का सितारा आज़ादी के दिन आओ मिलके करें दुआ की बुलंदी पर लहराता रहे तिरंगा हमारा !
हमे नशा तिरंगें कीं आंन का हे कुछ नशाँ मातृभूमि कीं शांन का हे लहरायेगें यें तिरंगां नशा ये भारत माँ के शांन का हे !
भारत माँ की जय कहना अपना सोभाग्य समझता हूँ अपना जीना मरना अब सब तेरे नाम ऐ तिरंगा करता हूँ !
दिल हमारे एक हैं एक ही है हमारी जान हिंदुस्तान हमारा है हम हैं इसकी शान जान लुटा देंगे वतन पे हो जायेंगे कुर्बान इसलिए हम कहते हैं मेरा भारत महान !
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Dard Desh Bhakti Shayari
दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान है, सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान है !
कतरा-कतरा मेरे लहू का इस वतन के काम आएगा मेरे जाने के बाद भी तिरंगा हिमालय पर ऐसे मुस्कराएगा !
हर वक़्त मेरी आँखो मे मातृभूमि का सपना हो जब कभी मरू तो तिरंगा मेरा कफ़न हो और कोई तमन्ना नही है जीवन मे जब कभी भी जन्म लू तो भारत मेरा वतन हो !
ना सरकार मेरी है न रौब मेरा है ना बड़ा सा नाम मेरा है मुझे तो एक छोटी सी बात का गौरव है में हिंदुस्तान का हूँ और हिंदुस्तान मेरा है !
आजादी की कभी शाम ना होंगे देंगे शहीदों की कुर्बानी बदनाम ना होने देंगे बची है लहू की एक बूँद भी रगों में तब तक भारत माता का आँचल नीलाम ना होने !
सींच दू खून से अगर इस चमन के काम आए काश मेरा लहू भी मेरे वतन के काम आए न जाने कौनसी घडी आख़री हो हमारी ये तन मन धन फिर वतन के कामाआए !
Desh Bhakti Shayari in Hindi
भारत का वीर जवान हूँ मैं, ना हिन्दू ना मुसलमान हूँ मैं, जख्मो से भरा सीना हैं मगर दुश्मन के लिए चट्टान हूँ मैं भारत का वीर जवान हूँ मैं !
आज सलाम है उन वीरों को जिनके कारण ये दिन आता है वो माँ भी खुशनसीब होती है बलिदान जिसके बच्चों का देश के काम आता है !
ना दौलत ना दे शोहरत कोई सिकवा नहीं बस भारत माँ की संतान बना देना हो जाऊ सहीद तो बस तिरंगे में लिपटा देना !
इस वतन के रखवाले हैं हम शेर ए जिगर वाले है हम मौत से हम नही डरते मौत को बाँहों में पाले है हम !
हिमालय से उंचा रहे सर इसका हमने दिल में ठाना है रंग दो बसंती चोला मेरा हमको सरहद पर जाना है कोई नजर न इसकी और उठे ऐसे पहरेदारी हो दुश्मन की छाती पर तिरंगा फिर से लहराना है !
इस देश के लिए शहीद होना कबूल है मुझे क्योंकि अखंड भारत बनाने का जूनून है मुझे !
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Emotional Attitude Desh Bhakti Shayari in Hindi
देशभक्तों से ही देश की शान है देशभक्तों से ही देश का मान है हम उस देश के फूल हैं यारों जिस देश का नाम हिंदुस्तान है !
आज के दिन उस मंज़र को याद करे शहीदो की देश भक्ति को याद करे जब मिली थी आजादी हमको खून के बदले आओ उन देश प्रेमियो को याद करे !
जाँ से प्यार वतन है हमारा हम तो इसके पहरेदार रहेंगे सौ जनम भी लुटा दें इसके लिए तब भी हम इसके कर्जदार रहेंगे !
ना जियो धर्म के नाम पर ना मरो धर्म के नाम पर इंसानियत ही है धर्म वतन का बस जियो वतन के नाम पर !
सुना है, कुछ नक्कार हमारी वीरता का सबूत मांगते है। ज़रा भेजो तो उन्हें सरहद पर सिरफिरे खुद के लिए ताबूत माँगते है !
अनेकता में एकता ही इस देश की शान है इसीलिए मेरा भारत महान है !
Desh Bhakti Par Shayari
मैं इसका हनुमान हूँ ये देश मेरा राम है चीर के देख लो सीना मेरा इसमें हिंदुस्तान है !
दुनिया में महकता हुआ चमन चाहता हूँ शान्ति उन्नति से भरा गगन चाहता हूँ जान जाए इसके खातिर कोई गम नहीं बाद मरने के बस तिरंगा कफ़न चाहता हूँ !
दाबोगे अगर और उभर आयेगा भारत हर वार पर कुछ और निखर जायेगा भारत दस-बीस जाहिलों को ग़लतफ़हमी हुई है दो-चार धमाको से ही डर जायेगा भारत !
हम अपने खून से लिक्खें कहानी ऐ वतन मेरे करें कुर्बान हँस कर ये जवानी ऐ वतन मेरे दिली ख्वाहिश नहीं कोई मगर ये इल्तिजा बस है हमारे हौसले पा जायें मानी ऐ वतन मेरे !
जो देश के लिए शहीद हुए उनको मेरा सलाम है अपने खूं से जिस जमीं को सींचा उन बहादुरों को सलाम है !
देखा जो बुजुर्गो ने वो मंजर हैं तिरंगा हर धर्म से हर जात से उपर हैं तिरंगा मैं लोक तंत्र देश मेरा नाम हैं भारत आजादी मेरी जाँ हैं, मेरा सर हैं तिरंगा !
Desh Bhakti Shayari 2 Line
देश के लिए मर मिटना कुबूल है हमें अखंड भारत के सपने का जूनून है हमें !
कोई और आरज़ू नहीं, है आरज़ू तो ये है, रख दे कोई जरा सी खाक-ए-वतन कफन में !
चाहता हूँ कोई नेक काम हो जाए मेरी हर साँस देश के नाम हो जाए !
आन देश की ,शान देश की ,देश की हम संतान हैं तीन रंगों से रंगा तीरंगा ,अपनी यही पहचान है !
छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी नए दौर में लिखेंगे मिल कर नयी कहानी हम हिंदुस्तानी !
जो फूल था कभी अब अंगारा हो गया ये दुश्मन तेरे खातिर गर्म लहू हमारा हो गया है !